महाविधालय में अनुशासन
महाविद्यालय का वातावरण प्राचीन गुरूकुल या एक बड़े कुटुम्ब के समान है दूसरे विद्यालयों से यहां की कार्य प्रणाली में भिन्नता है। इस लिए प्रत्येक छात्र का दायित्व है कि वह आत्म संयम और अनुशासन से रहे। यदि कोई समस्या हो तो उसके लिए सीधे प्राचार्य जी से वार्तालाप द्वारा समाधान करना चाहिए। महाविद्यालय प्रांगण में अव्यवस्था उत्पन्न करने वाले छात्रों को रिपोर्ट के आधार पर प्राचार्य/मुख्य नियंता दण्डित या निष्कासित करेंगे। विद्यार्थी निम्न निर्देशो का पालन अनिवार्य रूप से करेंगे।
निर्देश:
1. वाहन स्टैंड पर वाहन न रखने पर दण्डित होना पड़ेगा।
2. काउण्टर पर पंक्ति में खड़े होकर ही काम करायें।
3. महाविद्यालय की दीवारों, फर्श एवं फर्नीचर आदि को कदापि नुकसान न पहुँचायें अन्यथा दण्डित होगे।
4. प्रत्येक शिक्षार्थी को चाहिए कि वह महाविद्यालय के समस्त अध्यापक एवं कर्मचारियों के प्रति शिष्टाचार के भाव अपनायें।
5. दुव्र्यवहार करने वाले छात्र/छात्राओं को महाविद्यालय से निष्कासित कर दिया जायेगा। साथ ही चरित्र प्रमाण पत्र एवम् टी0 सी0 में उसका उल्लेख कर दिया जायेगा।
6. महाविद्यालय प्रांगण, छात्रावास एवं कक्षा में किसी भी प्रकार का हथियार लाना दण्डनीय है।
7. छात्राओं के कामन रूम में छात्रों का जाना वर्जित है।
8. छात्र अपने साथ बाहरी तत्व को महाविद्यालय परिसर में कदापि न लायें। यह कठोर दण्ड का कारण होगा।
9. महाविद्यालय में प्रवेश बिना परिचय पत्र के न करें। परिचय पत्र मांगे जाने पर दिखाना अनिवार्य होगा।
10. महाविद्यालय के अन्दर किसी भी प्रकार का नशा वर्जित है जैसे- शराब, पान, मसाला, गुटखा, सिगरेट, धूम्रपान करना तथा मोबाइल का प्रयोग करते पाये जाने पर दण्डित होंगे।
11. छात्र/छात्रा को चाहिए कि वे कालेज नोटिस बोर्ड का अवलोकन नियमित किया करें जिससे उनको सम्बन्धित जानकारी प्राप्त होती रहेगी।
12. शिक्षण अवधि में शिक्षण कक्ष एवं संलग्न बरामदे में मोबाइल का प्रयोग वर्जित है। उल्लघंन करने वाले का मोबाइल जब्त होगा।